टी.एल.एफ. किंडरगार्टन के विद्यार्थियों ने गर्मियों की छुट्टियों में अपने दादा-दादी के साथ सार्थक व समृद्ध समय बिताने की एक्टिविटी में दिखाया भारी उत्साह


मोगा/संजीव कुमार अरोड़ा

शहर की प्रमुख शिक्षण संस्था द लर्निंग फील्ड ए ग्लोबल स्कूल (टी.एल.एफ.) किंडरगार्टन के विद्यार्थियों ने स्कूल चेयरमैन इंजी. जनेश गर्ग व डायरेक्टर डा.मुस्कान गर्ग के दिशा-निर्देशों पर गर्मियों की छुट्टियों में अपने दादा-दादी के साथ सार्थक व समृद्ध समय बिताने की एक्टिविटी में भारी उत्साह  दिखाया। स्कूल प्रिंसिपल सोनिया वर्मा ने कहा कि गर्मी की छुट्टियाँ बच्चों के लिए खुशी और अन्वेषण का समय है और इस वर्ष द लर्निंग फील्ड स्कूल मोगा के किंडरगार्टन छात्रों को विशेष रूप से दिल छू लेने वाला अनुभव हुआ। स्कूल के  छात्रों को अपने दादा-दादी के साथ सार्थक और समृद्ध समय बिताने, अंतर-पीढ़ीगत संबंधों को बढ़ावा देने और यादगार यादें बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। सबसे पसंदीदा गतिविधियों में से एक दैनिक कहानी कहने का सत्र था। दादा-दादी, पारंपरिक कहानियों और व्यक्तिगत उपाख्यानों के अपने खजाने के साथ, बच्चों को जादुई दुनिया में ले गए। इन बच्चों ने न केवल बच्चों का मनोरंजन किया, बल्कि उनमें मूल्यों और जीवन की सीख भी दी। कई बच्चों ने अपने दादा-दादी के साथ बगीचे में समय बिताया, विभिन्न पौधों, फूलों और प्रकृति के पोषण के महत्व के बारे में सीखा। इस व्यावहारिक गतिविधि ने बच्चों को जिम्मेदारी और कुछ विकसित होते देखने की खुशी सिखाई। रसोई एक कक्षा बन गई, जहाँ दादा-दादी अपने पाक कौशल साझा करते थे। आटा गूंथने के सत्र हँसी-मजाक और स्वादिष्ट परिणामों से भरे हुए थे। बच्चों ने न केवल नए व्यंजन सीखे बल्कि धैर्य और सटीकता की कला भी सीखी। शिल्प परियोजनाओं में संलग्न होने से बच्चों को अपनी रचनात्मकता का पता लगाने का मौका मिला। अपने दादा-दादी के मार्गदर्शन से, उन्होंने साधारण रेखाचित्रों से लेकर कागज के शिल्प तक, सुंदर कलाकृतियां बनाईं। ये प्रोजेक्ट अक्सर यादगार बन जाते थे, जो उन्हें एक साथ बिताए गए मजेदार पलों की याद दिलाते थे। स्थानीय पार्कों और प्रकृति मार्गों की खोज करते हुए, दादा-दादी और पोते-पोतियों ने बाहर की सुंदरता का आनंद लिया। इनमें भ्रमण शामिल हैं प्रकृति की सैर, और यहाँ तक कि पक्षियों को देखना, प्रकृति और शारीरिक गतिविधि के प्रति प्रेम को बढ़ावा देना। पारंपरिक खेल और पहेलियाँ सीखने और जुड़ाव का माध्यम बन गईं। बोर्ड गेम खेलने से लेकर जिग्सॉ पहेलियाँ सुलझाने तक, इन गतिविधियों ने बच्चों के संज्ञानात्मक कौशल को बढ़ाया और अंतहीन घंटों का मनोरंजन प्रदान किया। दादा-दादी के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने को बढ़ावा देने के लिए द लर्निंग फील्ड स्कूल की पहल का भावनात्मक जुड़ाव, सांस्कृतिक शिक्षा और कौशल जैसे कई सकारात्मक प्रभाव पड़े। किंडरगार्टन को अपने दादा-दादी के साथ गुणवत्तापूर्ण समय बिताने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए द लर्निंग फील्ड स्कूल, मोगा द्वारा ग्रीष्मकालीन छुट्टियों की पहल एक शानदार सफलता थी। उसकी पारिवारिक संबंधों के महत्व पर प्रकाश डाला और प्यार, सीखने और संजोई गई यादों की नींव तैयार की जो जीवन भर बनी रहेगी। इस मौके पर स्कूल चेयरमैन इंजी. जनेश गर्ग व डायरेक्टर डा.मुस्कान गर्ग ने विद्यार्थियों की एक्टिविटी यों की सराहना करते हुए उन्हें घरों में ही रहकर गर्मी से बचाव संबंधी जानकारी मुहैया करवाई तथा गर्मियों में घर में रहकर अपने माता-पिता, दादा-दादी व अन्य रिश्तेदारों के साथ समय व्यतीत करने को प्रेरित किया।

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